जेम्स मैडिसन संयुक्त राज्य अमेरिका के चौथे राष्ट्रपति और "संविधान के जनक" के रूप में जाने जाते हैं। यहाँ उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दिया गया है: * प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: * जेम्स मैडिसन का जन्म 16 मार्च, 1751 को वर्जीनिया में हुआ था। * उन्होंने प्रिंसटन कॉलेज (उस समय द कॉलेज ऑफ न्यू जर्सी के नाम से जाना जाता था) में शिक्षा प्राप्त की। * उन्होंने बहुत ही अच्छी शिक्षा प्राप्त की थी। * राजनीतिक करियर: * उन्होंने अमेरिकी क्रांति के दौरान वर्जीनिया की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। * 1787 में, उन्होंने संवैधानिक सम्मेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहाँ उन्होंने अमेरिकी संविधान का मसौदा तैयार करने में मदद की। * उन्होंने "द फेडरलिस्ट पेपर्स" के सह-लेखक के रूप में संविधान के अनुसमर्थन के लिए तर्क दिया। * उन्होंने बिल ऑफ राइट्स को बनाने में अहम भूमिका निभाई। * उन्होंने 1801 से 1809 तक थॉमस जेफरसन के अधीन राज्य सचिव के रूप में कार्य किया। * 1809 से 1817 ...
कीन्स का सिद्धांत (Keynes Theory)
जॉन मेनार्ड कीन्स एक प्रसिद्ध ब्रिटिश अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने अपने सिद्धांतों के माध्यम से अर्थशास्त्र की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत की। उनकी पुस्तक "द जनरल थ्योरी ऑफ एम्प्लॉयमेंट, इंटरेस्ट एंड मनी" (1936) में उन्होंने अपने सिद्धांतों को प्रस्तुत किया है:
* कीन्स के मुख्य सिद्धांत:-
1. मांग की प्रधानता (Primacy of Demand) कीन्स ने बताया कि अर्थव्यवस्था में मांग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्पादन और रोजगार को निर्धारित करती है।
2. सरकारी हस्तक्षेप (Government Intervention) कीन्स ने सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा दिया जा सके और आर्थिक संकट से बचा जा सके।
3. रोजगार और बेरोजगारी (Employment and Unemployment) कीन्स ने बताया कि रोजगार और बेरोजगारी का स्तर मांग की मात्रा पर निर्भर करता है, और सरकारी नीतियों के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4. वित्तीय बाजार और मौद्रिक नीति (Financial Markets and Monetary Policy) कीन्स ने वित्तीय बाजारों और मौद्रिक नीति की भूमिका पर जोर दिया, जो अर्थव्यवस्था में मांग को प्रभावित कर सकती है।
5. अस्थिरता और अनिश्चितता (Instability and Uncertainty) कीन्स ने बताया कि अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और अनिश्चितता एक सामान्य विशेषता है, और सरकारी नीतियों के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
कीन्स के सिद्धांतों ने अर्थशास्त्र की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत की, और आज भी वे आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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